अिति थ देवो भव (हास्य एकांकी संग्रह) लेखक- उमेश कुमार चौरिसया दैनिक जीवन में घर व पास-पड़ौस में बनने वाली स्थितियों का सुन्दर चित्रण करते हुए इस नाटक संग्रह में संकलित छ: एकांकी मनोरंजन करते हुए सहज ही हमें हंसने पर मजबूर करते हैं। इनमें मानवीय व्यवहार पर सटीक कटाक्ष भी प्रभावी हैं। दो नाटक राजस्थानी लोक कथाओं पर आधारित हैंं। इनमें `मैं तो भूल गया` के राजस्थानी भाषा में 60 से अधिक प्रदर्शन देशभर में हुए हैं। नाटक पुरस्कृत भी हुए हैं। संपर्क-09829482601
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1 टिप्पणी:
यह पुस्तक दिल्ली में कहाँ मिल सकती है?
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